"कार्य सामाजिक जीवन का एक ऐसा स्वरूप निर्मित करना है जिसके द्वारा मिट्टी, पौधे, जानवर एक-दूसरे के साथ सामंजस्य में रहें।" -कार्ल कोनिग
कोनिग हमारी पृथ्वी और मानवता के बीच के संबंधों के साथ-साथ इस बात को लेकर भी गहरी चिंता रखते थे कि भूदृश्य, पौधे और जानवर इस संबंध में कैसे योगदान करते हैं। यह पुस्तक कोनिग के सोलह व्याख्यानों और निबंधों को प्रस्तुत करती है जो जैवगतिकी, पालतू पशुओं, तात्विक प्राणियों और खेती-किसानी के कई अन्य पहलुओं के बीच अंतर्संबंधों का अन्वेषण करते हैं, और साथ ही मानवीय आवश्यकताओं के संबंध में सामंजस्य और संतुलन प्राप्त करने के तरीकों की खोज करते हैं।
इस पुस्तक में अर्थ एंड मैनमें पहले प्रकाशित सामग्री का संशोधित संस्करण शामिल है ।